दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: दिवाली के बाद स्वास्थ्य पर गंभीर असर, 69% परिवारों में बीमारी की पुष्टि
दिल्ली में तेजी से बढ़ते प्रदूषण ने लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है। दिवाली के बाद, राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया कि इसे दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बताया गया। इस स्थिति ने नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है, और हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि दिल्ली-एनसीआर के 69 प्रतिशत परिवारों में कम से कम एक व्यक्ति बीमारी का शिकार हो गया है।
सर्वेक्षण का विवरण
हाल में किए गए एक सर्वेक्षण में दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव को विस्तार से देखा गया। सर्वे में शामिल परिवारों ने बताया कि प्रदूषण के कारण उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई है, और कई लोग सांस लेने में कठिनाई, खांसी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि बच्चों और वृद्धों पर प्रदूषण का प्रभाव अधिक गंभीर रूप से पड़ा है।
प्रदूषण के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के बाद धुएँ और धूल के कणों का स्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। इसके अलावा, शीतकालीन मौसम में ठंडी हवा और कोहरे के कारण प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है। इस समय, दिल्ली में PM 2.5 और PM 10 जैसे प्रदूषकों का स्तर कई गुना अधिक हो गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि उन्हें प्रदूषण के बढ़ते स्तर के प्रति सजग रहना चाहिए और जहाँ तक संभव हो, बाहर जाने से बचना चाहिए। उन्होंने सलाह दी है कि लोग मास्क पहनें, एयर प्यूरिफायर का उपयोग करें, और स्वास्थ्य की समस्याओं के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराते रहें।
सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है, लेकिन नागरिकों के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को देखते हुए इन उपायों की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार तत्काल ठोस कदम उठाती है या यह समस्या और बढ़ती है।