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प्रयागराज एयरपोर्ट से संगम नगरी तक 16 KM लंबा वीवीआईपी कॉरिडोर तैयार, लागत 550 करोड़ रुपये

प्रयागराज में वीवीआईपी कॉरिडोर की नई शुरुआत

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेला 2025 की तैयारियों के तहत एक महत्वपूर्ण और आकर्षक परियोजना को अंजाम दिया गया है। प्रयागराज एयरपोर्ट से संगम नगरी तक 16 किलोमीटर लंबा वीवीआईपी कॉरिडोर अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है। इस परियोजना पर कुल 550 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस सड़क को बनाने का मुख्य उद्देश्य यातायात की सुविधा बढ़ाना, वीवीआईपी लोगों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक रास्ता उपलब्ध कराना और संगम नगरी की सुंदरता में इजाफा करना है।


वीवीआईपी कॉरिडोर के महत्व को समझें

प्रयागराज एयरपोर्ट से संगम तक के इस 16 किलोमीटर लंबे वीवीआईपी कॉरिडोर को कुंभ मेला के आगमन से पहले तैयार किया गया है, ताकि आने वाले महीनों में यातायात में कोई परेशानी न हो। यह कॉरिडोर शहर के प्रमुख स्थानों को आपस में जोड़ने के अलावा, शहर के पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व को भी बढ़ाने का काम करेगा। वीवीआईपी कॉरिडोर के किनारे पर नटराज, नंदी, ऋषि-मुनियों की कलाकृतियां लगाने का निर्णय लिया गया है, जो इस मार्ग को और भी सुंदर बनाती हैं।


कुंभ मेला 2025 के संदर्भ में परियोजना का महत्व

कुंभ मेला 2025 के आयोजन के साथ प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे। ऐसे में वीवीआईपी कॉरिडोर की भूमिका और बढ़ जाती है। इस परियोजना के तहत वीवीआईपी लोगों को संगम तक सुरक्षित और जलद पहुंचने की सुविधा मिलेगी, जो कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाएगा। इसके अलावा, सड़क के दोनों ओर फूलों के पौधों का रोपण किया गया है, जिससे पूरे मार्ग का वातावरण और भी हरा-भरा होगा।


सड़कों की सुंदरीकरण और विकास

वीवीआईपी कॉरिडोर के निर्माण से पहले, प्रयागराज के इस हिस्से में यातायात कम था और यह क्षेत्र काफी सुनसान था। लेकिन अब एयरपोर्ट से जुड़ने के बाद, इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है। सड़क के किनारे कई सुंदरीकरण कार्य किए गए हैं, जिनमें विशेष रूप से पौधरोपण और आर्टवर्क की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के जरिए न केवल यातायात की गति तेज हुई है, बल्कि पूरे इलाके की सुंदरता में भी वृद्धि हुई है।


वीवीआईपी कॉरिडोर में 84 विशेष स्तंभ

इस वीवीआईपी कॉरिडोर में कुल 84 विशेष स्तंभ लगाए गए हैं, जो एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक माने जाते हैं। यह स्तंभ सनातन परंपरा में वर्णित 84 लाख योनियों के प्रतीक हैं। इन खंभों पर भगवान शिव के सहस्त्र नाम भी अंकित किए गए हैं, जो इस मार्ग को और अधिक धार्मिक महत्व प्रदान करते हैं। इन स्तंभों का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है और यह एक तरह से प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करते हैं।


निष्कर्ष

प्रयागराज का वीवीआईपी कॉरिडोर न केवल कुंभ मेला 2025 की तैयारी का हिस्सा है, बल्कि यह शहर के विकास और सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है। 550 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने के साथ-साथ, वहां आने वाले लोगों के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा। यह सड़क प्रयागराज को एक नए और आधुनिक रूप में प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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