महाकुंभ भगदड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सुरक्षा सुधार की मांग
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान पर्व से पहले संगम क्षेत्र में भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस त्रासदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है, जिसमें कुंभ मेले में सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करने की मांग की गई है।
याचिका में रखी गई मुख्य मांगे
इस जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दाखिल किया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए हैं।
1. कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा केंद्र खोले जाएं
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सभी राज्यों के लिए प्रयागराज कुंभ क्षेत्र में सुविधा केंद्र बनाए जाएं। इससे अलग-अलग राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को जानकारी व सहायता मिल सके। विशेषकर गैर-हिंदी भाषी श्रद्धालुओं के लिए अलग भाषाओं में घोषणाएं और दिशानिर्देश दिए जाने चाहिए।
2. वीआईपी मूवमेंट पर प्रतिबंध लगे
याचिका में कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट को सीमित किया जाए ताकि आम श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा जगह मिल सके। इससे भीड़ का दबाव कम होगा और भगदड़ की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
3. मेडिकल सुविधाओं में सुधार
याचिका में यह भी मांग की गई है कि सभी राज्य सरकारें यूपी सरकार के साथ समन्वय करके अपनी मेडिकल टीम कुंभ मेले में भेजें। इससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
4. प्रमुख भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं
सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए कुंभ मेले के सभी प्रमुख स्थलों पर देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाने की मांग की गई है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को मोबाइल और व्हाट्सएप के जरिए जरूरी निर्देश दिए जाएं।
कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर पहुंची थी।
- बड़ी संख्या में लोगों ने बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर रात गुजारी।
- प्रशासन ने अखाड़ों के लिए सुबह 5 बजे से स्नान का अलग रास्ता आरक्षित किया था।
- दोपहर करीब 1:45 बजे श्रद्धालु बैरिकेडिंग तोड़कर संगम की ओर बढ़ने लगे।
- अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
- भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु घायल हुए और 30 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है। अब देखना होगा कि क्या अदालत इस त्रासदी को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी करती है या नहीं।
यह खबर महाकुंभ 2025 में सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण चिंताओं को उजागर करती है। प्रशासन और श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।