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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन: देश ने खोया एक महान नेता

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार, 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। मनमोहन सिंह को भारतीय राजनीति में एक सशक्त और शांतिपूर्ण नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने आर्थिक सुधारों के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।

दिल्ली के AIIMS में निधन

मनमोहन सिंह की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी और उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, उनका स्वास्थ्य गंभीर था और उन्होंने इलाज के दौरान अंतिम समय में अपनी सांस ली। उनके निधन के बाद AIIMS ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद घटना की जानकारी दी और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक कार्यरत रहे। वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से जुड़े हुए थे और राजनीति में उनकी कोई पृष्ठभूमि नहीं थी। उनकी सरकार के दौरान भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुधार किए, जिनमें 1991 में लागू किए गए आर्थिक सुधार और उदारीकरण की नीतियाँ प्रमुख हैं, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा दी।

मनमोहन सिंह को एक कुशल आर्थिक रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। उनका शांत और विचारशील नेतृत्व भारतीय राजनीति के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्वव्यापी आर्थिक संकट के बावजूद मजबूत बनाए रखा।

मनमोहन सिंह की विरासत और योगदान

मनमोहन सिंह की विरासत न केवल आर्थिक सुधारों तक सीमित है, बल्कि उन्होंने भारतीय राजनीति में लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को भी मजबूत किया। उनके प्रधानमंत्री रहते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक नई पहचान बनाई और कई वैश्विक मुद्दों पर निर्णायक भूमिका निभाई।

इसके अलावा, उन्होंने भारतीय विदेश नीति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और कई महत्वपूर्ण वैश्विक समझौतों की दिशा तय की। उनके नेतृत्व में भारत ने अमेरिका के साथ परमाणु समझौते को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया था, जो भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

कांग्रेस पार्टी और देशभर में शोक की लहर

मनमोहन सिंह के निधन के बाद, कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने शोक व्यक्त किया है। देशभर में उनके योगदान को याद किया जा रहा है, और उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और अन्य नेताओं ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

समाप्ति

मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक बड़ा आघात है। उनका शांतिपूर्ण नेतृत्व, दूरदृष्टि और समर्पण हमेशा याद किया जाएगा। भारतीय राजनीति के इस महान नेता ने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।

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