दिल्ली यूनिवर्सिटी लॉ फैकल्टी के छात्रों पर लाठीचार्ज: परीक्षा की तारीख बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन
DU के लॉ फैकल्टी छात्रों पर लाठीचार्ज: क्या है पूरा मामला?
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के लॉ फैकल्टी के छात्रों ने परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जो बाद में तनावपूर्ण स्थिति में बदल गया। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से मामला और गरमा गया। यह घटना छात्रों के आक्रोश और प्रशासन के साथ उनके मतभेदों को दर्शाती है।
परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग
छात्रों का कहना है कि उनके पाठ्यक्रम का समय पर समापन नहीं हुआ, जिससे उन्हें तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
“हमारे सिलेबस पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में परीक्षा देना हमारे लिए अनुचित होगा,” एक छात्र ने कहा।
छात्रों ने परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग को लेकर लॉ फैकल्टी के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में कैसे हुआ विवाद?
प्रदर्शन के दौरान छात्रों और प्रशासन के बीच संवाद विफल रहा। जब छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज तेज की, तब पुलिस को बुलाया गया।
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए।
“हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने हम पर बर्बरता दिखाई,” एक छात्रा ने आरोप लगाया।
छात्रों की मांगें
- परीक्षा की तारीख बढ़ाना: छात्रों को सिलेबस पूरा करने और तैयारी के लिए अतिरिक्त समय चाहिए।
- प्रशासन से संवाद: छात्रों ने परीक्षा कार्यक्रम पर प्रशासन से स्पष्ट चर्चा की मांग की।
- पुलिस कार्रवाई की जांच: छात्रों ने लाठीचार्ज की घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की।
पुलिस का बयान
पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए।
“हमने केवल स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। छात्रों को समझाने के प्रयास किए गए,” पुलिस अधिकारी ने कहा।
प्रदर्शन का असर
इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ा दिया है।
- कई छात्र संगठनों ने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई है।
- सोशल मीडिया पर घटना का विरोध तेज हो रहा है।
छात्र-प्रशासन संवाद की कमी
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्र और प्रशासन के बीच संवाद की कमी इस विवाद की मुख्य वजह है।
“प्रशासन को छात्रों की समस्याओं को समझने और हल निकालने की दिशा में काम करना चाहिए,” एक शिक्षाविद ने कहा।
निष्कर्ष
दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी छात्रों पर लाठीचार्ज की यह घटना छात्रों और प्रशासन के बीच संवाद की कमी को उजागर करती है। परीक्षा की तारीख बढ़ाने की उनकी मांग पर विचार करना प्रशासन के लिए आवश्यक है।
छात्रों का आक्रोश और पुलिस की कार्रवाई इस बात को दर्शाती है कि शिक्षा और संवाद में सामंजस्य की कितनी जरूरत है।