उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संदेश: स्वाधीनता आंदोलन के भूले-बिसरे नायकों की भूमिका को उजागर करने का आह्वान
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अलीगढ़ स्थित राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के इतिहासकारों को भारत के स्वाधीनता आंदोलन के ऐसे नायकों की भूमिका को उजागर करना चाहिए, जिन्हें समय के साथ भुला दिया गया है।
राजा महेन्द्र प्रताप का योगदान:
धनखड़ ने राजा महेन्द्र प्रताप की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह 20वीं सदी के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भारत की आजादी और देश में आधुनिक शिक्षा के लिए समर्पित कर दी। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
इतिहासकारों का कर्तव्य:
उप राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि अगली पीढ़ी के इतिहासकारों को ऐसे नायकों की कहानियों को सामने लाना चाहिए, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन उन्हें उचित मान्यता नहीं मिली। यह भारत के समृद्ध इतिहास को समझने और इसकी विविधता को दर्शाने में सहायक होगा।
शिक्षा का महत्व:
धनखड़ ने शिक्षा को स्वतंत्रता और विकास की कुंजी बताया और विश्वविद्यालय के छात्रों से अपील की कि वे शिक्षा को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है।