स्टॉर्म शैडो मिसाइल: रूस पर यूक्रेन का घातक हमला, जानिए कितनी ताकतवर हैं ये मिसाइलें
यूक्रेन का बड़ा कदम:
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में घातक हथियारों का इस्तेमाल अब नए स्तर पर पहुंच गया है। यूक्रेन ने पहली बार ब्रिटिश निर्मित स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का उपयोग रूस के अंदर हमले के लिए किया। यह मिसाइलें कुर्स्क के मेरिनो गांव में गिरीं, जहां इसके टुकड़े पाए गए।
स्टॉर्म शैडो मिसाइल की खासियत:
- लंबी दूरी: यह मिसाइलें 250 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं।
- घातक वार: इनका उपयोग बंकर और गहरी संरचनाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
- हवाई सुरक्षा को चकमा: लॉन्च होने के बाद यह अपने नेविगेशन सिस्टम और इंफ्रा-रेड सीकर की मदद से टारगेट को पहचानती है और अंतिम हमले से पहले कम ऊंचाई पर जाकर दुश्मन की रडार सुरक्षा को चकमा देती है।
- तेज रफ्तार: यह मिसाइलें 600 मील प्रति घंटे से अधिक की गति से चलती हैं।
पहले भी हो चुके हैं हमले:
- इससे पहले यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित ATACMS मिसाइलों का उपयोग कर रूस के ब्रांस्क क्षेत्र पर हमला किया था।
- रूस ने दावा किया कि इन मिसाइलों में से 5 को मार गिराया गया था और 1 को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
क्यों हैं स्टॉर्म शैडो खतरनाक?
- 5 मीटर लंबी और 3 मीटर विंगस्पैन वाली यह मिसाइलें अपने सटीक निशाने के लिए जानी जाती हैं।
- यह मिसाइलें यूक्रेन के लिए रूस के अंदरूनी इलाकों पर प्रभावी हमला करने का साधन बन गई हैं।
यूक्रेन को मिला समर्थन:
अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन को रूस के अंदर मिसाइलें दागने की अनुमति दी है। यह हरी झंडी यूक्रेन को रूस के खिलाफ निर्णायक बढ़त देने के लिए दी गई है।
निष्कर्ष:
स्टॉर्म शैडो मिसाइल का उपयोग यूक्रेन के लिए रणनीतिक बढ़त का प्रतीक है। इसकी मारक क्षमता और सटीकता युद्ध के समीकरण बदल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में यह कदम किस दिशा में जाता है और भविष्य में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।