सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज की: पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर कथित टिप्पणी का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया। यह निर्णय उस समय आया जब केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता को लेकर कुछ सवाल उठाए थे।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री को अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी तब की थी जब उन्होंने मोदी सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर हमला किया था।
केजरीवाल ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता के बारे में स्पष्टता न होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा है और इससे जनता के अधिकारों पर प्रभाव पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला राजनीतिक प्रकृति का है और इसे राजनीतिक मंच पर ही सुलझाया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि इस प्रकार के मामलों में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि सभी नेताओं को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देना अनिवार्य हो। न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि यह मुद्दा चुनावी राजनीति का हिस्सा है और इसे राजनीतिक विमर्श में ही उठाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, AAP ने इसे निराशाजनक बताया और कहा कि यह निर्णय उनके लिए एक setback है। पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सच को छुपाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।
वहीं, बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह साबित करता है कि पीएम मोदी की योग्यता पर उठाए गए सवाल निराधार हैं। पार्टी के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल को अपने सवालों का जवाब सार्वजनिक मंच पर देना चाहिए।