संसद शीतकालीन सत्र: तीसरे दिन भी हंगामा, कार्यवाही स्थगित
संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते बाधित रही। अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सदन में जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही 28 नवंबर तक स्थगित कर दी गई।
तीसरे दिन की कार्यवाही: क्या हुआ?
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
- राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया।
- सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन को लिस्टेड बिजनेस पर काम करने दिया जाए।
- हंगामे के कारण कार्यवाही पहले 11:30 बजे तक स्थगित हुई और फिर पूरे दिन के लिए।
लोकसभा की स्थिति
- लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
- मेरठ से बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री का मुद्दा उठाया, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण चर्चा पूरी नहीं हो सकी।
- स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष से कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा।
- अंततः कार्यवाही 28 नवंबर तक स्थगित कर दी गई।
प्रमुख मुद्दे: अडानी और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स
अडानी समूह से जुड़े आरोप
- विपक्ष ने अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग की।
- इस मुद्दे को लेकर संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री का मुद्दा
- बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान ओटीटी और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के बढ़ते प्रसार का मुद्दा उठाया।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया कि नियमों को और कड़ा करने की जरूरत है।
पिछले दो दिनों का सारांश
पहला दिन:
- विपक्ष ने संभल हिंसा पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
- हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही।
दूसरा दिन:
- संविधान दिवस के अवसर पर संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।
आगे क्या?
राज्यसभा में:
- भारतीय वायुयान विधेयक 2024 और तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा होनी है।
लोकसभा में:
- बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 और रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किए जाने हैं।
स्पीकर की अपील
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल सरकार की जवाबदेही तय करने का समय है और विपक्ष को इसे बाधित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा,
“आप नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा करना चाहते हैं, जो उचित नहीं है। प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय है।”
निष्कर्ष
संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। अडानी समूह से जुड़े मुद्दे और अन्य विवादों पर गतिरोध के चलते सत्र के एजेंडे पर चर्चा नहीं हो पा रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद की स्थिति बनती है या नहीं।