मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद भले ही अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ दिया, लेकिन उस बंगले को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। भाजपा ने सीएम आवास को लेकर नए आरोप जड़ दिए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी अरविंद केजरीवाल का सरकारी आवास विवादों में बना हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल पर नए आरोप लगाए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सरकारी आवास का अनुचित उपयोग किया है।
भाजपा के आरोप
भाजपा नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल ने सरकारी बंगले को अपने निजी उपयोग के लिए न केवल लंबे समय तक रखा, बल्कि उसका रखरखाव भी उचित तरीके से नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बंगला सरकारी धन की बर्बादी का एक उदाहरण है और केजरीवाल ने इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
केजरीवाल का जवाब
अरविंद केजरीवाल ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा कि भाजपा इस मामले को राजनीति के लिए भुना रही है। उन्होंने कहा, “जब मैंने सरकार का हिस्सा बनने का फैसला किया, तो मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि सरकारी संपत्ति का सही इस्तेमाल हो। मैं एक जिम्मेदार नेता हूं और मैंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन किया है।”
सरकारी आवास की स्थिति
केजरीवाल ने हाल ही में सरकारी आवास छोड़ा है, लेकिन भाजपा का आरोप है कि उन्होंने इस अवधि में कई अवैध काम किए। भाजपा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए।
राजनीतिक परिदृश्य
इस विवाद ने दिल्ली की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस मामले को उठाते हुए केजरीवाल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में राजनीतिक माहौल गरमाता नजर आ रहा है, जिससे आने वाले समय में और भी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।