मिलने का मतलब यह नहीं कि… PM मोदी संग गणेश पूजा पर उठे थे सवाल, अब CJI चंद्रचूड़ ने दिया जवाब
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर उठे सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक सार्वजनिक व्यक्ति का किसी धार्मिक समारोह में भाग लेना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है और इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपने कार्य में पक्षपाती हैं।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “जब सार्वजनिक व्यक्ति किसी धार्मिक आयोजन में शामिल होते हैं, तो यह उनकी व्यक्तिगत धारणा है। यह मिलना कोई विवादास्पद मुद्दा नहीं होना चाहिए। एक न्यायपालिका के सदस्य या किसी अन्य सार्वजनिक अधिकारी का अपने विश्वासों का पालन करना उनके अधिकारों में आता है।”
उनका यह बयान तब आया जब कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया था, यह कहते हुए कि इससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है। CJI ने इस पर जोर दिया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है, और व्यक्तिगत आस्था के आधार पर किसी के आचरण को न्याय के सिद्धांतों से नहीं जोड़ा जा सकता।
चंद्रचूड़ ने आगे कहा, “हमें यह समझना चाहिए कि किसी के धार्मिक आचरण से उनके कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। कानून के तहत सभी समान हैं, और हमें अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
यह स्पष्ट करते हुए कि व्यक्तिगत विश्वास और सार्वजनिक जीवन के दायित्वों में संतुलन बनाना आवश्यक है, CJI ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसकी प्रक्रियाओं की पवित्रता को बनाए रखने का महत्व बताया।
यह बयान उस समय आया है जब न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच का संबंध चर्चा का विषय बना हुआ है। CJI ने सभी से अपील की कि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों का सम्मान करें और किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से दूर रहें।