FEATUREDअंतरराष्ट्रीयराजनीति

भारत-पाकिस्तान में फिर शुरू होगा व्यापार? जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे ने बढ़ाई उम्मीद, कई अहम सवाल भी

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों पर वर्षों से ठहराव बना हुआ था, लेकिन अब हालात बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का इस्लामाबाद दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनके इस दौरे ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को फिर से शुरू करने की संभावनाओं को बल दिया है। हालांकि, इस दौरे ने कुछ अहम सवाल भी खड़े किए हैं, जिनका उत्तर आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है।

जयशंकर का इस्लामाबाद दौरा
डॉ. जयशंकर का यह दौरा दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है। यह दौरा पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि इससे भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को फिर से स्थापित करने की संभावना बढ़ सकती है। इस दौरे के दौरान, जयशंकर ने पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

क्या व्यापार फिर से शुरू होगा?
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों पर पिछले कुछ वर्षों से अनिश्चितता बनी हुई थी। 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंध पूरी तरह से ठप हो गए थे। पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियों में भारी गिरावट आई है।

हालांकि, जयशंकर के दौरे से यह उम्मीद जगी है कि दोनों देशों के बीच व्यापार फिर से शुरू हो सकता है। इस दौरे के दौरान, दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा हुई और पाकिस्तान ने भारत से व्यापार शुरू करने के संकेत दिए हैं। अगर यह कदम आगे बढ़ता है, तो इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को लाभ हो सकता है।

भारत-पाकिस्तान व्यापार के लिए क्या हैं मुख्य सवाल?
हालांकि जयशंकर के दौरे ने उम्मीदें जगा दी हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण सवाल अभी भी बने हुए हैं:

  1. राजनीतिक स्थिरता: भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए राजनीतिक स्थिरता बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक तनाव और राजनीतिक विवाद व्यापार को सामान्य बनाने में सबसे बड़ी रुकावट हो सकते हैं।
  2. कश्मीर विवाद: कश्मीर पर विवाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को कश्मीर विवाद से अलग रखना मुश्किल हो सकता है, और इसका समाधान किस प्रकार निकाला जाएगा, यह देखना अहम होगा।
  3. आर्थिक स्थिति: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी एक अहम मुद्दा है। देश की मौजूदा आर्थिक संकट के चलते भारत के साथ व्यापार शुरू करने की गति धीमी हो सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान के व्यापारिक नीति में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है, जिससे भारत के लिए व्यापारिक संबंधों को पुनः स्थापित करना आसान हो।
  4. सुरक्षा और आतंकवाद: पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने के कारण भी व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों को मजबूत करना जरूरी होगा, ताकि व्यापारिक संबंधों में रुकावट न आए।

जयशंकर के दौरे का महत्व
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का इस्लामाबाद दौरा दोनों देशों के बीच सकारात्मक बदलाव का संकेत है। यह दौरा दर्शाता है कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, और भविष्य में व्यापारिक रिश्तों की बहाली की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। यह दोनों देशों के बीच एक नई कूटनीतिक पहल की शुरुआत हो सकती है, जिससे न केवल व्यापार बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों में भी सुधार आ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YouTube Channel The Daily Brief YouTube Channel The Daily Brief