भारत को ‘झप्पी’ क्यों दे रहा है चीन? ट्रंप के डर से रिश्ते सुधारने में जुटा ड्रैगन
भारत-चीन संबंधों में नई पहल
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद और तनावपूर्ण संबंधों के बीच अब बर्फ पिघलने लगी है। चीन भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इसका कारण केवल कूटनीति नहीं है, बल्कि अमेरिकी राजनीति और डोनाल्ड ट्रंप की वापसी का दबाव है।
चीन को क्यों पड़ी भारत की जरूरत?
- अमेरिकी दबाव:
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद चीन को अमेरिका से बड़े आर्थिक और व्यापारिक झटके लगने की आशंका है।
ट्रंप ने पहले ही संकेत दिए हैं कि वे चीनी उत्पादों पर 60-100% टैरिफ लगाएंगे और अमेरिका को चीनी सामानों के लिए “डंपिंग जोन” बनने नहीं देंगे। - गिरती अर्थव्यवस्था:
चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्त है। IMF के मुताबिक, 2024-25 में चीन की विकास दर गिरकर 4.8% रह सकती है, जबकि भारत की जीडीपी ग्रोथ 7% रहने की उम्मीद है। - भारत का महत्व:
भारत के साथ व्यापारिक संबंध चीन के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है।
भारत के साथ रिश्ते सुधारने की पहल
- सीमा विवाद पर सहमति:
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त को लेकर समझौता कर लिया है, जिससे चार साल पुराना गतिरोध खत्म हुआ। - कैलाश मानसरोवर यात्रा और फ्लाइट्स:
दोनों देशों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने और सीधी उड़ानों पर सहमति बनी है। - वीजा प्रक्रिया आसान:
चीन ने भारतीय यात्रियों और व्यापारियों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने की पहल की है।
चीन की मंशा: भारत के जरिए अमेरिकी दबाव कम करना
चीन, अमेरिका से संभावित आर्थिक झटकों को संतुलित करने के लिए भारत को विकल्प के रूप में देख रहा है।
- अमेरिका-चीन के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। अगर इसमें गिरावट आती है, तो चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा।
- चीन भारत के साथ निर्यात और निवेश बढ़ाने की कोशिश में जुटा है ताकि अमेरिकी दबाव से बचा जा सके।
क्या है ट्रंप फैक्टर?
- डोनाल्ड ट्रंप को चीन विरोधी नेता माना जाता है।
- ट्रंप प्रशासन ने पहले भी चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक कदम उठाए थे।
- आने वाले समय में व्यापारिक युद्ध और तेज होने की संभावना है।
- अमेरिका-चीन संबंधों में कड़वाहट बढ़ने से चीन भारत के साथ संबंधों को मजबूती देकर अपनी स्थिति सुधारने में लगा है।
विशेषज्ञों की राय
अमेरिका-भारत सामरिक और साझेदारी मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी का कहना है कि ट्रंप की वापसी के कारण चीन पर भारत के साथ संबंध बेहतर करने का दबाव है। सीमा विवाद पर सहमति और सीधी उड़ानों की बहाली इसी रणनीति का हिस्सा हैं।
निष्कर्ष
भारत और चीन के संबंधों में बदलाव का यह दौर एक नए कूटनीतिक अध्याय की शुरुआत हो सकता है। हालांकि, चीन की यह पहल स्वार्थ से प्रेरित है, लेकिन यह भारत के लिए कूटनीतिक लाभ का मौका हो सकता है।