बजरंग पूनिया पर 4 साल का प्रतिबंध: डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल न देने पर NADA की सख्त कार्रवाई
भारतीय कुश्ती के स्टार बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार करने के कारण की गई है।
मामले का विवरण:
- सैंपल देने से इनकार: मार्च 2024 में सोनीपत में आयोजित नेशनल ट्रायल्स के दौरान, बजरंग पूनिया ने डोपिंग अधिकारियों को सैंपल देने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर्ड किट भेजी गई थी, जिसके बारे में उन्होंने नाडा से स्पष्टीकरण मांगा था।
- पहले भी हुआ था निलंबन: इस घटना के बाद, नाडा ने 23 अप्रैल 2024 को बजरंग पर अस्थायी निलंबन लगाया था। हालांकि, जून 2024 में राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी की अनुशासन पैनल (ADDP) ने यह निलंबन हटा दिया था, क्योंकि बजरंग को आरोप का नोटिस नहीं दिया गया था।
- नया प्रतिबंध: अब, नाडा ने बजरंग पूनिया पर चार साल का प्रतिबंध लगाया है, जो 27 नवंबर 2024 से प्रभावी होगा। यह प्रतिबंध एंटी डोपिंग कोड के उल्लंघन के कारण लगाया गया है।
प्रभाव:
इस प्रतिबंध के चलते, बजरंग पूनिया आगामी सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाएंगे। यह भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि बजरंग ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और वे देश के प्रमुख पहलवानों में से एक हैं।
आगे की राह:
बजरंग पूनिया के पास इस निर्णय के खिलाफ अपहै। यदि वे अपील करते हैं, तो मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में जा सकता है, जहां अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह मामला एथलीट्स के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि डोपिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है।