पुतिन के मिसाइल हमले से यूक्रेन में खलबली: संसद बंद, नेता सरकारी घर छोड़ने को मजबूर
रूस का घातक हमला और यूक्रेन की प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नई और चिंताजनक स्थिति उभरी है। व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर घातक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल के हमले ने यूक्रेन में खलबली मचा दी है। इस हमले के बाद यूक्रेन ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अपनी संसद बंद कर दी और सांसदों से कहा गया है कि वे अपने परिवारों को कीव से बाहर रखें।
संसद सत्र रद्द
सार्वजनिक प्रसारक सस्पिलने के अनुसार, 22 नवंबर को वेरखोव्ना राडा (यूक्रेनी संसद) का सत्र बुलाने की योजना थी। इस सत्र में सरकार से महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाने थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे रद्द कर दिया गया।
सरकारी नेताओं की सुरक्षा
यूक्रेनी सांसदों से उनके परिवारों को कीव के सरकारी जिले से दूर रखने को कहा गया है। अगली बैठक कब होगी, इसकी कोई निश्चित तारीख नहीं दी गई है, लेकिन यह संभावना है कि यह दिसंबर से पहले नहीं होगी।
पुतिन की नई मिसाइल
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी प्रायोगिक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल यूक्रेन के डीनिप्रो शहर पर किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 3,400 मील से अधिक है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल कैस्पियन सागर पर रूस के अस्त्रखान क्षेत्र से दागी गई थी।
नाटो का समर्थन
रूस के इस हमले के जवाब में, नाटो ने यूक्रेन के लिए अपने समर्थन को और मजबूत किया है। नाटो ने कहा, “इस प्रकार की क्षमता तैनात करने से संघर्ष का रुख नहीं बदलेगा और न ही यह नाटो को यूक्रेन का समर्थन करने से रोकेगा।”
सुरक्षा की स्थिति
यूक्रेनी वायु रक्षा बलों ने इस हमले के बारे में जानकारी दी और इसे अब तक के सबसे घातक हमलों में से एक बताया। इससे पहले भी रूस ने कई बार ऐसे हमले किए हैं, लेकिन इस बार का हमला यूक्रेन के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
निष्कर्ष
पुतिन के इस हमले ने यूक्रेन को और भी अधिक दबाव में ला दिया है। संसद बंद होने और नेताओं के सरकारी घर छोड़ने से यह स्पष्ट है कि स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है। नाटो का समर्थन यूक्रेन के लिए राहत की बात है, लेकिन यह संघर्ष अब और अधिक जटिल होता जा रहा है।