पाकिस्तान में PTI समर्थकों का हिंसक प्रदर्शन: 4 हजार गिरफ्तार, सरकार ने किए कड़े इंतजाम
इमरान खान की रिहाई की मांग पर इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के समर्थकों ने 24 नवंबर को इस्लामाबाद की सड़कों पर बड़ा प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, जिसके बाद करीब 4 हजार PTI समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव
शहबाज शरीफ सरकार ने पहले ही प्रदर्शन पर सख्त कार्रवाई का संकेत दिया था। इस्लामाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और शहर की प्रमुख सड़कों को शिपिंग कंटेनरों से सील कर दिया गया था। पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दीं। इसके अलावा, शहर में धारा 144 लागू कर स्कूल-कॉलेज और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बंद कर दिया गया।
5 सांसद भी गिरफ्तार
पंजाब प्रांत के सुरक्षा अधिकारी शाहिद नवाज ने पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए 4 हजार लोगों में PTI के 5 सांसद भी शामिल हैं। PTI पार्टी ने इन गिरफ्तारियों को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और जेल में बंद नेताओं की रिहाई के लिए दबाव बढ़ाने की बात कही।
बुशरा बीबी भी शामिल
इस प्रदर्शन में इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी भी शामिल हुईं। वह खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व वाले काफिले का हिस्सा थीं।
सरकार की तैयारी और विरोध प्रदर्शन
सरकार ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया था। संसद, सुप्रीम कोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए। इसके बावजूद, प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस को बड़ी संख्या में गिरफ्तारी करनी पड़ी।
इमरान खान की रिहाई की मांग
PTI समर्थकों का यह विरोध प्रदर्शन इमरान खान और अन्य नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर आयोजित किया गया था। इमरान खान ने इसे “गुलामी की बेड़ियां तोड़ने” की लड़ाई करार दिया था। PTI का दावा है कि उनके 150 से अधिक नेता पिछले एक साल से जेल में बंद हैं।
निष्कर्ष
पाकिस्तान में यह विरोध प्रदर्शन सरकार और विपक्ष के बीच गहराते राजनीतिक संकट का प्रतीक है। गिरफ्तारियां और हिंसा दर्शाती हैं कि देश में राजनीतिक स्थिरता अभी भी दूर की बात है। अब सभी की नजरें सरकार और PTI के बीच आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।