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पाकिस्तान को सबसे खास दोस्त चीन ने दे दिया झटका, ड्रैगन ने उठाई अपने सैनिक भेजने की मांग, क्या करेंगे शहबाज?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर आई है, क्योंकि उनके सबसे करीबी सहयोगी देश चीन ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। चीन ने पाकिस्तान से यह मांग की है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए चीन के सैनिकों को भेजने की अनुमति दे, जिससे पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। इस मांग के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके सलाहकारों के सामने कठिन सवाल खड़े हो गए हैं।

चीन की मांग

चीन ने यह मांग पाकिस्तान के बालाकोट और पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा हालात की गंभीरता को देखते हुए की है। सूत्रों के मुताबिक, सीपीईसी (CPEC) जैसे अहम परियोजनाओं की सुरक्षा और चीन के नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र चीन ने पाकिस्तान से अपने सैनिक भेजने की पेशकश की है। चीन का कहना है कि पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और परियोजनाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चीन के सैन्य बलों का योगदान जरूरी है।

यह मांग पाकिस्तान के लिए एक नई चुनौती है, क्योंकि चीन के सैनिकों को पाकिस्तान में तैनात करने से दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ आ सकता है। पाकिस्तान ने हमेशा चीन को अपना “सबसे करीबी दोस्त” बताया है, लेकिन अब यह मामला पाकिस्तान की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक बड़े सवालिया निशान की तरह सामने आ खड़ा हुआ है।

शहबाज शरीफ का क्या होगा फैसला?

इस मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए एक बड़ा फैसला करना होगा। यदि पाकिस्तान चीन की मांग को स्वीकार करता है तो यह उसकी संप्रभुता के लिए खतरे की घंटी हो सकती है, वहीं दूसरी ओर अगर पाकिस्तान चीन की मदद से इनकार करता है, तो दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शहबाज शरीफ सरकार के लिए यह स्थिति बेहद नाजुक है। एक तरफ पाकिस्तान को चीन से मदद की जरूरत है, खासकर CPEC जैसी परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर, जबकि दूसरी ओर देश की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर सवाल उठ सकते हैं।

पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति

पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति इन दिनों काफी बिगड़ी हुई है। वहां के कुछ हिस्सों में आतंकी हमलों और आंतरिक संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान सरकार के लिए इन हालात में अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसी संदर्भ में चीन की सैनिकों की तैनाती की मांग उठी है।

हालांकि, पाकिस्तान की सेना के कुछ सूत्रों का मानना है कि अगर चीन के सैनिक पाकिस्तान में आते हैं तो यह भारत और अमेरिका के लिए एक नए विवाद का कारण बन सकता है, क्योंकि दोनों देशों के लिए यह किसी भी हालत में काबिल-ए-गवारा नहीं होगा।

क्या पाकिस्तान को चीन के साथ अपने रिश्तों में संतुलन बनाए रखना चाहिए?

इस नए विवाद के बीच पाकिस्तान को यह तय करना होगा कि वह अपने हितों को कैसे देखता है। यदि पाकिस्तान चीन के साथ अपने रिश्तों को बनाए रखना चाहता है तो उसे चीन की मांग पर गंभीरता से विचार करना होगा। वहीं, पाकिस्तान को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसकी संप्रभुता और सुरक्षा की कोई कीमत न लगे।

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