दिल्ली: एलजी ने मुख्यमंत्री आतिशी को लिखा पत्र, सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
सीएजी रिपोर्टों पर रोक क्यों?
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की लंबित रिपोर्टों को विधानसभा के मौजूदा सत्र में पेश करने की मांग की है। उन्होंने इस देरी को लोकतांत्रिक जवाबदेही के खिलाफ बताया है।
12 रिपोर्टें लंबित, शांति भंग की चेतावनी
उपराज्यपाल सचिवालय के अनुसार, 2017-18 से 2021-22 तक की अवधि की 12 सीएजी रिपोर्टें लंबित हैं। इनमें शराब विनियमन, प्रदूषण, सार्वजनिक उपक्रमों और शेल्टर होम्स जैसे मुद्दों की रिपोर्ट शामिल हैं। खासतौर पर, दिल्ली में शराब नीति पर 4 मार्च 2024 को भेजी गई रिपोर्ट 11 अप्रैल से मुख्यमंत्री आतिशी के पास लंबित है।
संवैधानिक जिम्मेदारी की अनदेखी?
सक्सेना ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 151 और दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करना अनिवार्य है। रिपोर्ट को प्रस्तुत न करना न केवल संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह लोकतांत्रिक जवाबदेही को कमजोर करने वाला कदम भी है।
शांति बनाए रखने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, उपराज्यपाल ने प्रशासन से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को तत्काल रिपोर्ट पेश करने की हिदायत दी, ताकि विधानसभा सत्र में इन मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
क्या कहता है उपराज्यपाल का आदेश?
- शराब नीति की रिपोर्ट: शराब बिक्री और वितरण पर सीएजी की रिपोर्ट 2024 से लंबित है।
- शासन के अन्य क्षेत्र: अन्य रिपोर्टों में प्रदूषण नियंत्रण, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक क्षेत्रों के मुद्दे शामिल हैं।
- शांति व्यवस्था का पालन: उपराज्यपाल ने प्रशासन से शांति बनाए रखने और अप्रिय घटनाओं से बचने का निर्देश दिया।
आगे की प्रक्रिया
दिल्ली विधानसभा का अगला सत्र 8 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव से आग्रह किया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी लंबित सीएजी रिपोर्टें इस सत्र में प्रस्तुत की जाएं। यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार इन निर्देशों का पालन कैसे करती है।