ट्रंप के मंत्रियों को बम धमकियां: शपथ से पहले ही सुरक्षा में सेंध
डोनाल्ड ट्रंप के मंत्रिमंडल के सदस्यों को बम से उड़ाने की धमकी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी केबिनेट के सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण से पहले ही एक गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ट्रंप की ट्रांजिशन टीम के कई नामित मंत्रियों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। इसके साथ ही इन नेताओं को स्वैटिंग कॉल्स (झूठी जानकारी देने या उन्हें खतरे में डालने के इरादे से किए गए कॉल्स) भी किए गए हैं। इस खतरे ने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है।
धमकियों का खंडन और सुरक्षा बढ़ाई गई
ट्रंप के ट्रांजिशन टीम की प्रवक्ता, कैरोलिन लेविट ने पुष्टि की कि कुछ मंत्रियों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं, और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इन धमकियों को गंभीरता से लिया है और इनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है। हालांकि, एफबीआई और ट्रांजिशन टीम ने अभी तक धमकी प्राप्त करने वाले मंत्रियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।
किसे मिली धमकियां?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ उच्च पदस्थ नामित अधिकारियों को धमकियां मिली हैं। इनमें से एक हैं, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित रिपब्लिकन कांग्रस वुमन एलिस स्टेफनिक, जिन्हें उनके घर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सौभाग्य से, जब यह धमकी मिली, तब वे अपने परिवार के साथ यात्रा पर थीं। पुलिस ने उनके घर की जांच की है।
इसके अलावा, ट्रंप के नामित पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के प्रशासक, ली जेल्डिन को भी बम से धमकी मिलने की सूचना है। इस धमकी में ‘फिलिस्तीन समर्थक’ थीम का जिक्र था, और यह उनके घर पर भेजी गई थी। भाग्यवश, वे भी उस समय घर पर नहीं थे।
अन्य धमकियां और शंका
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल के नामित, मैट गेट्ज को भी बम से धमकी मिली थी, लेकिन उन्होंने बाद में अपने नामांकन को वापस ले लिया। अब तक किसी भी घर से बम या विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं और इस मामले की गहरी जांच कर रही हैं।
सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह घटनाएं अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं। जबकि ट्रंप का प्रशासन शपथ लेने से पहले ही इस तरह की धमकियों का सामना कर रहा है, विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकेत है कि देश में राजनीतिक असहिष्णुता बढ़ रही है, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है।
क्या यह शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा अलर्ट है?