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चीन-भारत गंभीर नहीं तो ब्रिक्स के दावे परियों की कहानी… BRICS का नामकरण करने वाले ओ’नील का बड़ा बयान

BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नामकरण करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्री Jim O’Neill ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि यदि चीन और भारत अपनी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो BRICS का भविष्य संदेह में हो सकता है।

ओ’नील का बयान

ओ’नील ने कहा, “अगर भारत और चीन अपनी मौजूदा चुनौतियों का सामना नहीं करते हैं, तो BRICS के दावे एक परी की कहानी के समान हो जाएंगे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और विवाद BRICS की स्थिरता और भविष्य पर गहरा असर डाल सकते हैं।

BRICS का महत्व

BRICS का गठन 2009 में हुआ था, और इसे वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मंच पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में देखा जाता है। इसके सदस्य देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ओ’नील का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि BRICS का स्थायित्व मुख्यतः भारत और चीन के बीच संबंधों पर निर्भर करता है।

चीन-भारत संबंध

हाल के वर्षों में, चीन और भारत के बीच सीमावाद, व्यापारिक मुद्दों और सैन्य तनाव को लेकर गंभीर मतभेद देखे गए हैं। इन मतभेदों ने BRICS जैसे फोरम में सहयोग की संभावनाओं को प्रभावित किया है। ओ’नील ने सुझाव दिया है कि यदि दोनों देश मिलकर काम नहीं करते हैं, तो उनका सहयोग किसी भी प्रकार से प्रभावी नहीं हो सकेगा।

वैश्विक संदर्भ

वर्तमान में, जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, आर्थिक संकट और भू-राजनीतिक अस्थिरता, BRICS देशों के बीच सहयोग और सामंजस्य की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। ओ’नील ने कहा कि BRICS की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके सदस्य देश एक साथ आकर वैश्विक समस्याओं का समाधान करने के लिए किस प्रकार की रणनीतियाँ अपनाते हैं।

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