चीन के लिए बढ़ी धड़कन: मस्क-रामास्वामी के नेतृत्व में ट्रंप का नया डिपार्टमेंट
डोनाल्ड ट्रंप की योजनाएं चीन के लिए बन सकती हैं सबसे बड़ा खतरा
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले ही चीन को चिंता में डाल दिया है। ट्रंप ने टेक्नोलॉजी के दिग्गज एलन मस्क और भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी को “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी” (डीओजीई) के नेतृत्व के लिए नामित किया है। माना जा रहा है कि यह डिपार्टमेंट चीन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
मस्क-रामास्वामी का नया डिपार्टमेंट क्यों है खास?
झेंग योंगनियान, जो कि हांगकांग स्थित शेनझेन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन हैं, ने कहा कि यह डिपार्टमेंट चीन के मौजूदा सिस्टम पर बड़ा दबाव डालेगा। उन्होंने बताया कि इस नई पहल का असर केवल चीन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यूरोप जैसे अन्य देशों को भी इसका सामना करना पड़ेगा।
सरकारी सुधारों की दिशा में कदम
एलन मस्क और विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में सरकारी कार्यों को अधिक कुशल बनाने और “हजारों नियमों” को खत्म करने की योजना बनाई है। यह प्रयास अमेरिकी सरकारी पूंजीवाद को एक नई दिशा देगा। झेंग ने इसे “अमेरिकी विशेषताओं वाला सरकारी पूंजीवाद” बताया।
चीन के लिए क्यों है खतरा?
ट्रंप ने पहले कार्यकाल के दौरान ही चीन पर सख्त आर्थिक नीतियां लागू की थीं, जिनमें ताइवान और दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर कड़े कदम उठाना शामिल था। चीन को डर है कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका और चीन के रिश्ते और खराब हो सकते हैं।
60% शुल्क बढ़ाने की धमकी
चीन ने ट्रंप की नीतियों से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। ट्रंप ने चीन के वार्षिक 427 अरब डॉलर के निर्यात पर 60% शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है। चीन ने इसके जवाब में जापान सहित 9 और देशों को वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा दी है, जिससे कुल ऐसे देशों की संख्या 38 हो गई है।
क्या होगा असर?
झेंग ने चेतावनी दी कि मस्क और रामास्वामी जैसे नेताओं के नेतृत्व में किए गए संस्थागत सुधारों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह सुधार न केवल चीन के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई चुनौती पेश करेंगे।
ट्रंप का सख्त रुख जारी
ट्रंप से उम्मीद की जा रही है कि वह ताइवान, दक्षिण चीन सागर और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे। झेंग ने कहा कि चीन को अमेरिका के आंतरिक बदलावों का मुकाबला करने के लिए जवाबी रणनीतियां अपनानी होंगी।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का नया डिपार्टमेंट और मस्क-रामास्वामी की जोड़ी चीन के लिए नई चुनौती बनकर उभर रही है। चीन को अमेरिका के इन नए कदमों का सामना करने के लिए अपनी नीतियों में बड़े बदलाव करने होंगे। ट्रंप की यह पहल न केवल चीन, बल्कि अन्य वैश्विक शक्तियों के लिए भी एक नई दिशा तय करेगी।