चीनी ‘साल्ट टाइफून’ का अमेरिका पर बड़ा साइबर अटैक: निशाने पर ट्रंप और कमला हैरिस
अमेरिका में एक बड़ा साइबर अटैक हुआ है, जो कि चीनी हैकर समूह ‘साल्ट टाइफून’ द्वारा किया गया बताया जा रहा है। यह साइबर अटैक अमेरिका के महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तियों, जैसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, को निशाना बनाता है।
क्या है ‘साल्ट टाइफून’?
‘साल्ट टाइफून’ एक चीनी हैकर समूह है, जिसे खुफिया जानकारी चुराने और अन्य साइबर अपराधों के लिए जाना जाता है। यह समूह विशेष रूप से अमेरिकी सरकार और उसके सुरक्षा ढांचे के खिलाफ हमलों में सक्रिय है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह समूह तकनीकी रूप से उन्नत और संरक्षित है, जिससे इसे पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
साइबर अटैक का विवरण
हालिया साइबर अटैक में, ‘साल्ट टाइफून’ ने उच्च स्तरीय सरकारी नेटवर्क और कई महत्वपूर्ण संस्थानों में घुसपैठ की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के दौरान हैकरों ने संवेदनशील डेटा, जैसे कि व्यक्तिगत जानकारी और राजनीतिक रणनीतियों तक पहुंच प्राप्त की है। विशेष रूप से, ट्रंप और हैरिस के कार्यालयों के ईमेल और अन्य डिजिटल संचार को हैक करने की कोशिश की गई है।
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एफबीआई और साइबर सुरक्षा एवं अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें हमले के स्रोत और हैकर्स की पहचान को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है।
राजनीतिक प्रभाव
इस साइबर अटैक का राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है, खासकर आगामी चुनावों के दृष्टिगत। ट्रंप और हैरिस दोनों ही इस हमले के बाद मीडिया में प्रमुखता से चर्चा का विषय बने हुए हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह अमेरिका की राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने इस हमले के आरोपों से इनकार किया है और इसे अमेरिका की एकतरफा राजनीति का हिस्सा बताया है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका अपनी साइबर सुरक्षा में कमजोरियों को छुपाने के लिए ऐसे आरोप लगाता है।