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कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी ने कहा- हम वियना संधि का उल्लंघन करने वाले किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेंगे

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका देश वियना संधि के उल्लंघन करने वाले किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह बयान कनाडा की विदेश नीति में कड़े दृष्टिकोण को दर्शाता है और इसके साथ ही यह स्पष्ट करता है कि कनाडा अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों का पालन करने के प्रति गंभीर है।

मेलानी जॉली का यह बयान उस समय आया है जब कनाडा में कुछ राजनयिक गतिविधियों पर सवाल उठाए जा रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा, “हम ऐसे किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो वियना संधि का उल्लंघन कर रहे हैं। हमारी सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी विदेशी मिशन हमारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत कार्य करें।”
वियना संधि क्या है?
वियना संधि, जिसे वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस कहा जाता है, 1961 में स्थापित हुई थी। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनयिक संबंधों को संचालित करने वाले कानूनों का एक सेट है, जो यह सुनिश्चित करता है कि राजनयिक कर्मचारी अपनी सुरक्षा, स्वतंत्रता और विशेषाधिकार का पालन करते हुए कार्य करें। इस संधि का उल्लंघन करने का मतलब है कि राजनयिक किसी भी प्रकार से स्थानीय कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं, जो कि एक गंभीर मामला हो सकता है।

कनाडा सरकार ने कहा है कि वह विदेशी राजनयिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और किसी भी प्रकार के उल्लंघन की रिपोर्ट का गंभीरता से जांच करेगी। मेलानी जॉली ने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सजग है।

इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कनाडा की सख्त स्थिति को उजागर किया है, खासकर तब जब दुनिया भर में विभिन्न देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ रहा है। कनाडा ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को महत्वपूर्ण माना है, और यह बयान उसी दिशा में एक कदम है।

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