कट्टर प्रतिद्वंद्वी: शहबाज और डॉ. जयशंकर की मीटिंग पर पाकिस्तान का मीडिया
भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों, डॉ. एस. जयशंकर और शहबाज शरीफ के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान 20 सेकंड की एक तात्कालिक मुलाकात हुई। यह मीटिंग भारतीय पक्ष द्वारा पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक वार्ता की दिशा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।
पाकिस्तान मीडिया की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के मीडिया ने इस मुलाकात को विभिन्न दृष्टिकोणों से कवर किया। कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करते हुए, मीडिया ने इसे ‘कट्टर प्रतिद्वंद्वी’ के बीच एक महत्वपूर्ण घटना माना। यहाँ पर कुछ प्रमुख टिप्पणियाँ हैं:
- महत्वपूर्ण क्षण: कई पाकिस्तानी समाचार पत्रों ने इस मुलाकात को एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में वर्णित किया, यह दर्शाते हुए कि भले ही समय सीमित था, लेकिन यह द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मोड़ ला सकता है।
- राजनीतिक बयान: कुछ समाचार चैनलों ने कहा कि इस मीटिंग में शहबाज शरीफ ने भारत के साथ संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेष रूप से व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर।
- दबाव की स्थिति: कुछ विश्लेषकों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर भारत के साथ बातचीत करने का दबाव बढ़ रहा है, खासकर आर्थिक चुनौतियों और सुरक्षा मामलों के मद्देनजर।
- SCO का प्रभाव: पाकिस्तान के मीडिया में यह भी चर्चा की गई कि SCO की बैठक में भारत का प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है। भारत ने बैठक में अपने प्रभाव का प्रदर्शन किया, और पाकिस्तान के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
- शांति की उम्मीद: कई पाकिस्तानी लेखकों ने इस बैठक को एक सकारात्मक संकेत माना, जिससे दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वास्तविक प्रगति तभी संभव है जब दोनों पक्ष वास्तविक कदम उठाने के लिए तैयार हों।