ओलंपिक में जो भी गोल बचाए, वो मेरे लिए नहीं बल्कि टीम और देश के लिए थे: श्रीजेश
भारतीय हॉकी के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि उन्होंने ओलंपिक में जो भी गोल बचाए, वे व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए नहीं, बल्कि अपनी टीम और देश के लिए थे।
प्रमुख बिंदु:
- टीम की भावना:
- श्रीजेश ने कहा कि हॉकी एक टीम खेल है और उनकी सफलता टीम के समर्पण और मेहनत का परिणाम है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों के योगदान को सराहा।
- देश के प्रति सम्मान:
- उन्होंने कहा कि जब वे खेलते हैं, तो उनका ध्यान केवल अपने प्रदर्शन पर नहीं होता, बल्कि वह देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। गोल बचाना उनके लिए एक जिम्मेदारी है।
- प्रेरणा का स्रोत:
- श्रीजेश ने युवाओं को प्रेरित करने के लिए कहा कि वे अपने खेल में मेहनत करें और अपने देश का नाम रोशन करने की कोशिश करें।
- भविष्य की योजनाएँ:
- उन्होंने कहा कि वे आने वाले टूर्नामेंट्स में और बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे, ताकि भारत हॉकी में नई ऊंचाइयों को छू सके।
- सकारात्मक दृष्टिकोण:
- श्रीजेश का मानना है कि टीम वर्क और सकारात्मक सोच ही सफलता की कुंजी हैं, और उन्होंने सभी खिलाड़ियों से मिलकर काम करने की अपील की।