अतीत का बंधक बन चुका है UN… जयशंकर ने की सुरक्षा परिषद में सुधार की पुरजोर वकालत
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता को लेकर जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र अतीत का बंधक बन चुका है और इसे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के अनुसार पुनर्संगठित करने की आवश्यकता है।
जयशंकर का बयान
जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “संयुक्त राष्ट्र को अब बदलाव की जरूरत है। सुरक्षा परिषद की संरचना और कार्यप्रणाली ने आज की वास्तविकताओं का सामना करने में असमर्थता दिखाई है। यह समय है कि हम एक ऐसा तंत्र स्थापित करें जो वैश्विक सुरक्षा और शांति को सुनिश्चित कर सके।”
संरचना में सुधार की आवश्यकता
उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की:
- स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाना: जयशंकर ने सुझाव दिया कि UNSC में नए स्थायी सदस्यों को शामिल करने की आवश्यकता है, ताकि परिषद में विविधता और संतुलन आ सके।
- निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता: उन्होंने निर्णय प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे सभी सदस्य देशों को अपने विचार व्यक्त करने का मौका मिल सके।
- आधुनिक चुनौतियों का सामना: विदेश मंत्री ने कहा कि UNSC को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए।
भारत की भूमिका
जयशंकर ने भारत की भूमिका को भी रेखांकित किया, कहकर कि भारत सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्य के रूप में जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा के लिए अपने योगदान को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
जयशंकर के इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कई देशों ने भी UNSC में सुधार के लिए भारत की पहल का समर्थन किया है।