Saraswati Puja 2024: आज मनाया जाएगा सरस्वती बलिदान, जानें विसर्जन का भी मुहूर्त
आज 2024 में सरस्वती पूजा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से छात्रों और शिक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन मां सरस्वती, ज्ञान, संगीत, कला और संस्कृति की देवी के रूप में पूजा जाती हैं। इस अवसर पर लोग देवी के चरणों में अपनी पुस्तकें और लेखन सामग्री रखकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सरस्वती बलिदान
सरस्वती पूजा के अवसर पर भक्त विशेष रूप से ‘सरस्वती बलिदान’ करते हैं। यह एक परंपरा है जिसमें देवी सरस्वती की मूर्ति को विशेष रूप से सजाया जाता है और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। पूजा के दौरान भक्त मां से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन विध्यार्थियों का विशेष ध्यान होता है, जो अपने अध्ययन में सफलता की कामना करते हैं।
विसर्जन का मुहूर्त
सार्वजनिक रूप से स्थापित मां सरस्वती की मूर्तियों का विसर्जन भी इस दिन किया जाता है। 2024 में सरस्वती विसर्जन का मुहूर्त निम्नलिखित है:
- विसर्जन का समय: शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे के बीच।
भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय के बीच विसर्जन करें, ताकि अनुष्ठान सही तरीके से सम्पन्न हो सके।
पूजा विधि
सरस्वती पूजा की विधि में सबसे पहले देवी की साफ-सफाई की जाती है और फिर उन्हें फूलों और फल-फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद, मंत्रों का जाप करते हुए दीप जलाया जाता है। पूजा के अंत में मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भोग अर्पित किया जाता है।