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बांग्लादेश में रोहिंग्या आतंकियों को पाकिस्तान से आए हथियार, ISI का खुलासा

बांग्लादेश में हो रही आतंकवादी गतिविधियाँ: पाकिस्तानी हथियारों का खुलासा

बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप्स में हो रही अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है, जिसमें रोहिंग्या आतंकियों को पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों का वितरण किया जा रहा है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, यह हथियार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI द्वारा सप्लाई किए गए हैं और इनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इस खुलासे ने बांग्लादेश और आसपास के देशों में सुरक्षा खतरे को लेकर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं।


ISI और पाकिस्तानी हथियारों का कनेक्शन

रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में रोहिंग्या आतंकियों को पाकिस्तान से आए हथियारों की सप्लाई की जा रही है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) का हाथ है। इन हथियारों को बांग्लादेश के कोक्स बाजार और चटगांव जैसे इलाकों में वितरित किया जा रहा है। इसके पीछे मकसद नए आतंकवादी संगठनों का निर्माण करना और इन संगठनों को म्यांमार और बांग्लादेश बॉर्डर पर हमलावर बनाना है।

यूनुस की सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान के साथ साजिश कर वह इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और बांग्लादेश की सुरक्षा के लिए खतरे पैदा कर रहे हैं। हालाँकि, बांग्लादेशी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया था, लेकिन रोहिंग्या आतंकियों के नेता अबू अम्मार जुनूनी ने खुद इस योजना को स्वीकार करते हुए बांग्लादेशी सेना को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।


अराकान आर्मी और बांग्लादेश के लिए बढ़ता खतरा

बांग्लादेश की अराकान आर्मी और रोहिंग्या आतंकियों के बढ़ते रिश्तों से बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा पर गंभीर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अराकान आर्मी, जो म्यांमार के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है, ने बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। अगर बांग्लादेश की सेना ने रोहिंग्या आतंकियों को मदद करना जारी रखा, तो अराकान आर्मी की ओर से हमले की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।


पाकिस्तान का भारत के खिलाफ साजिश

पाकिस्तान और यूनुस की यह साजिश केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान और यूनुस का असल लक्ष्य भारत को निशाना बनाना है। पाकिस्तान की तरह, यूनुस भी बांग्लादेश में Non-State Actors पैदा करने की योजना बना रहे हैं, ताकि रोहिंग्या आतंकियों का इस्तेमाल करके भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ा जा सके।

भारत में रोहिंग्या घुसपै पहले से एक गंभीर मुद्दा है और इस समय करीब 40,000 रोहिंग्या भारत में रह रहे हैं। हालांकि, आशंका जताई जाती है कि यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है। ऐसे में भारत के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक बन जाती है, क्योंकि भारत और बांग्लादेश के बीच कई संवेदनशील इलाकों में घुसपैठ हो चुकी है और यह मौजूदा सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान के लिए एक और युद्ध के रूप में इस्तेमाल हो सकता है।


भारत की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय

भारत सरकार ने बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही घुसपैठियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य रोहिंग्या आतंकियों को स्थानीय सहायता प्राप्त करने से रोकना है। बांग्लादेश में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियाँ और पाकिस्तान द्वारा रोहिंग्या आतंकियों को मदद देने के संकेत भारत के लिए एक बड़े सुरक्षा खतरे की ओर इशारा करते हैं।

भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ इस समय बांग्लादेश और भारत के सीमावर्ती इलाकों में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं ताकि कोई भी आतंकवादी समूह भारत में घुसपैठ न कर पाए।

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