Inflight Internet: हजारों फीट की ऊंचाई पर भी फास्ट इंटरनेट का मजा, इस तरकीब से बनेगी बात
हवाई यात्रा के दौरान अब इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी एक आम सुविधा बन चुकी है, और अब यात्री हजारों फीट की ऊंचाई पर भी फास्ट इंटरनेट का मजा ले सकते हैं। एयरलाइंस कंपनियां और इंटरनेट सेवा प्रदाता Inflight Internet के जरिए यात्रियों को यात्रा के दौरान भी स्मूथ और तेज इंटरनेट अनुभव देने की दिशा में कई बड़े कदम उठा रहे हैं।
कैसे काम करता है Inflight Internet?
Inflight Internet तकनीक का इस्तेमाल विमान में तेज और स्थिर कनेक्शन बनाए रखने के लिए सैटेलाइट या सेलुलर नेटवर्क का उपयोग करती है। आधुनिक विमानों में Wi-Fi सिस्टम को स्थापित किया जाता है जो विमान की यात्रा के दौरान सैटेलाइट सिग्नल्स के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट होता है। इन सिग्नल्स को विशेष एयरलाइंस सैटेलाइट सिस्टम से जोड़ा जाता है, जिससे यात्रियों को हवा में भी इंटरनेट की सुविधा मिलती है।
तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी: अब और बेहतर
पहले के मुकाबले अब Inflight Internet ज्यादा तेज और भरोसेमंद हो चुका है। पुराने सैटेलाइट नेटवर्क्स की तुलना में नए Ku-band और Ka-band सैटेलाइट्स ने डेटा ट्रांसफर स्पीड को कई गुना बढ़ा दिया है। अब यात्री न सिर्फ सोशल मीडिया पर सर्फिंग कर सकते हैं, बल्कि वीडियो कॉल्स, वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेमिंग जैसी गतिविधियां भी आसानी से कर सकते हैं।
भारत में इनफ्लाइट इंटरनेट सेवा
भारत में भी एयरलाइंस कंपनियां जैसे इंडिगो, एअर इंडिया और स्पाइसजेट यात्रियों को हवाई यात्रा के दौरान इंटरनेट सेवा देने के लिए नए सैटेलाइट सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हैं। इन सेवाओं को Wi-Fi कनेक्टिविटी के माध्यम से एयरलाइंस के नेटवर्क में जोड़ा जाता है।
क्या हैं सीमाएं?
हालांकि, इनफ्लाइट इंटरनेट की कनेक्टिविटी दिन-ब-दिन बेहतर हो रही है, फिर भी कुछ सीमाएं बनी रहती हैं। सिग्नल की स्थिरता और कनेक्शन की गति कभी-कभी विमान की ऊंचाई, मौसम और एयरलाइन के नेटवर्क की क्षमता पर निर्भर कर सकती हैं। इसके अलावा, कुछ एयरलाइंस में यह सेवा मूल्य आधारित होती है, यानी यात्रियों को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए अलग से शुल्क देना पड़ता है।
आने वाले बदलाव
इंटरनेट तकनीक में लगातार सुधार हो रहा है, और भविष्य में 5G नेटवर्क और LoRaWAN तकनीक के माध्यम से Inflight Internet और भी तेज और बेहतर होगा। इसकी मदद से यात्रियों को तेज डेटा ट्रांसफर स्पीड और उच्च गुणवत्ता वाली कनेक्टिविटी मिलने की संभावना है, जिससे पूरी यात्रा के दौरान स्मूथ इंटरनेट अनुभव प्राप्त किया जा सकेगा।