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Donald Trump के राष्ट्रपति बनने के बाद Mark Zuckerberg ने उठाया बड़ा कदम! मेटा ने अमेरिका में बंद की ये चीज

मेटा का बड़ा फैसला: अमेरिका में बंद हुआ फैक्ट चेकर्स प्रोग्राम

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने एक बड़ा कदम उठाया है। मेटा, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी प्रमुख सोशल मीडिया सेवाओं का मालिक है, ने अमेरिका में अपने फैक्ट चेकर्स प्रोग्राम को समाप्त करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद, मेटा अमेरिका में अब कम्युनिटी नोट्स सिस्टम लाने जा रहा है, जो एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X जैसा हो सकता है।


कम्युनिटी नोट्स सिस्टम का उद्देश्य और इसकी विशेषताएँ

मेटा की ग्लोबल बिजनेस हेड, निकोला मेंडेलसोहन ने इस निर्णय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी ने अमेरिका में थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स को हटाने का निर्णय लिया है और इसके स्थान पर कम्युनिटी नोट्स सिस्टम लागू किया जाएगा। इस सिस्टम का उद्देश्य यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट पर सामूहिक रूप से नोट्स और टिप्पणियाँ प्रदान करना होगा। यह कदम एलन मस्क के X प्लेटफॉर्म के जैसे दिख सकता है, जहां यूजर्स द्वारा कंटेंट को मॉडरेट किया जाता है।

निकोल ने कहा, “हम इस बदलाव को अमेरिका में एक साल तक ट्राई करेंगे और इसके प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे। अन्य देशों में भी इसे लागू करने से पहले हम इसके परिणामों को ध्यान से देखेंगे।”


क्या है अमेरिका में बदलाव का कारण?

मार्क जुकरबर्ग, मेटा के सीईओ, ने इस महीने बताया कि अमेरिका में फैक्ट चेकर्स को हटाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इन चेकर्स द्वारा किया जा रहा कंटेंट मॉडरेशन बहुत जटिल और गलत साबित हो रहा था। जुकरबर्ग के अनुसार, फैक्ट चेकर्स के कारण कई बार यूजर्स का कंटेंट अनुचित तरीके से सेंसर कर दिया जाता था, जिससे एक असंतुलित स्थिति उत्पन्न हो रही थी।

इसके अलावा, जुकरबर्ग ने कहा कि इस बदलाव से मेटा की उपयोगिता में सुधार होगा और यह यूजर्स के लिए ज्यादा पारदर्शी होगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ज्यादा खुला और निष्पक्ष बनाना है।”


अमेरिका के बाहर फैक्ट चेकर्स का हटना चुनौतीपूर्ण

हालांकि, मेटा के लिए यह कदम अमेरिका के बाहर लागू करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यूरोपीय संघ जैसे देशों में सख्त डिजिटल सर्विस कानून हैं, जहां प्लेटफार्मों को गलत सूचनाओं और राजनीतिक कंटेंट को सक्रिय रूप से हटाने की आवश्यकता होती है। यदि मेटा इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे भारी जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है।


किसी बड़े बदलाव की ओर?

मेटा का यह कदम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के भविष्य को एक नई दिशा में मोड़ सकता है। इससे सोशल मीडिया की कंटेंट मॉडरेशन प्रक्रिया में बदलाव आ सकता है, जिसमें यूजर्स की राय ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य कंपनियाँ भी मेटा के इस बदलाव का अनुसरण करेंगी और क्या इससे सोशल मीडिया कंटेंट की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में कोई फर्क पड़ेगा।

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