कुकिंग ऑयल और कैंसर: क्या बीज आधारित तेलों से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा?
बीज आधारित तेल और स्वास्थ्य पर प्रभाव
हाल ही में अमेरिका की एक स्टडी में दावा किया गया है कि बीज आधारित तेल (Seed Oils) का अत्यधिक उपयोग शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ा सकता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। यह अध्ययन कुकिंग ऑयल्स के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर केंद्रित है और इसके परिणामों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
सूजन और कैंसर का आपसी संबंध
विशेषज्ञों का मानना है कि बीज आधारित तेलों में पाए जाने वाले कुछ तत्व, जैसे कि ओमेगा-6 फैटी एसिड, शरीर में सूजन का कारण बन सकते हैं। यह सूजन धीरे-धीरे कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि इन तेलों का नियमित उपयोग न केवल कैंसर बल्कि हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
बीज आधारित तेल कौन-कौन से हैं?
बीज आधारित तेलों में सोयाबीन ऑयल, कैनोला ऑयल, सूरजमुखी का तेल, और मकई का तेल प्रमुख हैं। ये तेल आमतौर पर फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और यहां तक कि घरेलू कुकिंग में भी व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।
अमेरिका की स्टडी के प्रमुख निष्कर्ष
- ओमेगा-6 फैटी एसिड का अधिक सेवन: बीज आधारित तेलों में ओमेगा-6 की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
- कैंसर की वृद्धि और प्रगति: यह सूजन कैंसर कोशिकाओं के विकास को तेज कर सकती है।
- प्राकृतिक विकल्पों की कमी: स्टडी में इस बात पर जोर दिया गया है कि अधिक लोग प्राकृतिक और स्वस्थ तेलों का विकल्प नहीं चुनते हैं।
क्या हैं सुरक्षित विकल्प?
विशेषज्ञों के अनुसार, बीज आधारित तेलों की जगह प्राकृतिक और स्वस्थ विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे:
- नारियल तेल
- सरसों का तेल
- जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल)
- घी
ये तेल न केवल शरीर में सूजन को कम करते हैं बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं।
जागरूकता की जरूरत
यह स्टडी कुकिंग ऑयल्स को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही है। यदि सही जानकारी और सावधानी से कुकिंग ऑयल का चयन किया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि बीज आधारित तेलों का सेवन पूरी तरह से बंद करने की बजाय इसे सीमित करना बेहतर है। साथ ही, संतुलित आहार और व्यायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।