सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर पड़ा छापा, भड़के अखिलेश यादव बोले- ‘BJP वाले बिजली चोर’
संभल में सपा सांसद के घर पड़ी छापेमारी
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर पर बीते दिन एक छापेमारी हुई, जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। इस छापेमारी के बाद से यूपी की राजनीति गरमा गई है, और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के नेता ‘बिजली चोर’ हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनकी जांच करनी चाहिए।
छापेमारी को लेकर क्या बोले अखिलेश यादव?
सपा सांसद के घर पड़ी इस छापेमारी के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी वाले बिजली चोर हैं और उन्हें अपनी जांच खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवानी चाहिए। यह छापेमारी सपा के खिलाफ राजनीति करने का एक तरीका है।” अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सिर्फ विपक्षियों को परेशान करने का काम किया है, और इस छापेमारी को उसी का हिस्सा मानते हैं।
जिया उर रहमान बर्क के घर पर छापेमारी
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर पर बिजली चोरी के आरोप में यह छापेमारी की गई थी। पुलिस और बिजली विभाग की टीम ने जिया उर रहमान बर्क के घर पर कार्रवाई की, जिसके बाद उनके घर से कुछ संदिग्ध सामान भी बरामद किया गया। हालांकि, बर्क ने इस आरोप को पूरी तरह से नकारा किया है और इसे राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि यह सब उन्हें और उनकी पार्टी को दबाने के लिए किया जा रहा है।
सपा सांसद का बयान
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह छापेमारी पूरी तरह से अवैध है और इसका कोई ठोस आधार नहीं है। यह भाजपा की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, क्योंकि हम सपा के सदस्य हैं। हमारे खिलाफ इस तरह के कदम उठाना सिर्फ एक राजनीतिक द्वेष का परिणाम है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस छापेमारी से वह डरने वाले नहीं हैं और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उत्तर प्रदेश में राजनीति और छापेमारी का मुद्दा
यह छापेमारी एक ऐसे समय पर हुई है जब उत्तर प्रदेश में 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में इस प्रकार की घटनाएं आम हो गई हैं। सपा के नेताओं का आरोप है कि भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने के लिए इस तरह की छापेमारी का सहारा ले रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रतिक्रिया आनी बाकी है। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ छापेमारी की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा नहीं है। अखिलेश यादव ने भी इस बात की मांग की है कि राज्य सरकार को पारदर्शिता से काम करना चाहिए।
निष्कर्ष
संभल में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर हुई छापेमारी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। भाजपा और सपा के बीच यह राजनीति का नया अध्याय है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहेगा। भविष्य में इस तरह की घटनाओं का असर यूपी के चुनावी माहौल पर भी पड़ सकता है, और इस मामले की जांच से ही कुछ ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं।