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दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला का निधन, जानें कितनी थी उम्र

जापान की टॉमिकी इटूका का 116 वर्ष की आयु में निधन

जापान की टॉमिकी इटूका, जो दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला के रूप में प्रसिद्ध थीं, का 116 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में दर्ज हुआ, क्योंकि वे एक रिकॉर्डधारी थीं, जिनकी लंबी उम्र ने दुनिया को चौंका दिया था।

इटूका का निधन जापान के कागोशिमा प्रान्त में हुआ, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया। उनका निधन मानव जीवन की असाधारण दीर्घायु का प्रतीक बनकर सामने आया, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था।


116 वर्ष की आयु में टॉमिकी इटूका का दीर्घायु जीवन

टॉमिकी इटूका का जीवन एक जीवित उदाहरण था कि यदि जीवनशैली सही हो तो कोई भी व्यक्ति लंबी उम्र पा सकता है। वह जापान में सबसे बुजुर्ग महिला थीं और उनके जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने कभी भी जीवन के प्रति अपनी सकारात्मक दृष्टिकोण को नहीं खोया। उनके दीर्घायु होने के पीछे उनके खानपान, शारीरिक गतिविधि और मानसिक स्थिति का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।

इटूका का जन्म 1908 में हुआ था और वे 116 वर्ष की उम्र में सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में रिकॉर्ड बुक्स में शामिल हुईं। उनके परिवार के लोग और उनके आसपास के लोग उन्हें एक बेहद साधारण और सादगीपूर्ण जीवन जीने वाली महिला के रूप में याद करते हैं। उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने हमेशा संतुलित आहार लिया और अपनी सेहत को प्राथमिकता दी।


लंबी उम्र के लिए इटूका का जीवन दर्शन

टॉमिकी इटूका के परिवार और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी लंबी उम्र का राज उनके मानसिक शांति और संतुलन में छिपा था। इटूका ने कभी भी जीवन को हल्के में नहीं लिया। उनका मानना था कि मानसिक संतुलन और खुश रहना ही शरीर को स्वस्थ बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी दिनचर्या में हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियाँ भी शामिल की थीं, जिससे उनका शरीर चुस्त और स्वस्थ रहता था।

उनकी दीर्घायु के एक अन्य कारण के रूप में उनके परिवार का समर्थन भी माना जाता है। इटूका का परिवार उनके साथ सदैव था, जो उन्हें मानसिक और शारीरिक सहारा प्रदान करता था। इसने उन्हें जीवन के कठिन दौर में भी आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद की।


दुनिया के लिए एक प्रेरणा

टॉमिकी इटूका का निधन केवल उनके परिवार के लिए एक दुखद क्षण नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है। उनकी लंबी उम्र ने यह सिद्ध कर दिया कि सही जीवनशैली और मानसिक संतुलन से किसी भी उम्र में अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है। इटूका की यात्रा ने दुनिया को यह भी सिखाया कि उम्र केवल एक संख्या है, और जीवन की गुणवत्ता को प्राथमिकता देने से व्यक्ति को दीर्घायु मिल सकती है।

इटूका का निधन एक युग का अंत प्रतीत होता है, लेकिन उनकी दीर्घायु और उनकी जीवन यात्रा को लोग हमेशा याद रखेंगे। जापान और पूरी दुनिया में अब उनकी उपस्थिति की कमी महसूस की जाएगी, लेकिन उनके जीवन के सिद्धांत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।


निष्कर्ष

टॉमिकी इटूका का निधन दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला के रूप में एक इतिहास रचता है। उनकी 116 वर्षों की लंबी यात्रा न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। उनके जीवन की सादगी, मानसिक संतुलन, और स्वस्थ जीवनशैली ने उन्हें एक लंबा और सुखी जीवन जीने का अवसर दिया। इटूका का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर हम अपने जीवन को सही तरीके से जीते हैं, तो हमें भी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिल सकता है।

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