Chhoti Diwali 2024: आज मनेगी छोटी दिवाली, जानें कितने दीये जलाने चाहिए और क्या हैं सही नियम
दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत छोटी दिवाली से होती है, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से घर और जीवन को मुक्त करने का दिन माना जाता है। छोटी दिवाली पर घर में दीये जलाने का विशेष विधान होता है, जो घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए महत्वपूर्ण है। आइए जानें, इस दिन कितने दीये जलाने चाहिए और क्या हैं इसके सही नियम।
छोटी दिवाली पर कितने दीये जलाएं?
छोटी दिवाली पर दीये जलाने का अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन कम से कम 5 दीये जरूर जलाने चाहिए। इन पांच दीयों को घर के मुख्य स्थानों पर रखना शुभ माना जाता है:
- मुख्य द्वार: घर के मुख्य द्वार पर एक दीया जलाएं, ताकि घर में शुभता का प्रवेश हो और नकारात्मक ऊर्जा बाहर ही रहे।
- रसोई घर: रसोई में एक दीया जलाने से भोजन में बरकत बनी रहती है और माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है।
- पूजा स्थल: पूजा स्थल पर दीया जलाना मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
- घर के आंगन: घर के आंगन या बालकनी में एक दीया अवश्य जलाएं ताकि घर का हर कोना रोशन रहे।
- पानी के स्थान पर: माना जाता है कि पानी के पास एक दीया जलाने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
छोटी दिवाली पर दीये जलाने के अन्य नियम
- सूर्यास्त के बाद दीये जलाने का समय सबसे शुभ माना जाता है। इससे वातावरण शुद्ध होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- दीयों में तिल के तेल का प्रयोग करना अधिक शुभ माना गया है, लेकिन आप घी के दीये भी जला सकते हैं।
- दीयों को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में रखें, क्योंकि इन दिशाओं को धन और सुख का प्रतीक माना गया है।
छोटी दिवाली पर दीये जलाने का महत्व
छोटी दिवाली पर दीये जलाने का उद्देश्य केवल घर को रोशन करना ही नहीं है, बल्कि यह हमारी जीवन में नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति और खुशहाली का प्रतीक भी है। इस दिन दीये जलाकर घर में सकारात्मकता का स्वागत करें और दिवाली के उत्सव को भव्यता के साथ मनाएं।