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शारदा सिन्हा के निधन पर शोक की लहर, पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने जताया दुःख

भोजपुरी और मैथिली संगीत की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी मधुर आवाज़ और भावनाओं को छू लेने वाले गीतों ने न केवल बिहार और उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे भारत में अपनी खास पहचान बनाई थी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुःख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, “शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर से बेहद दुःख पहुंचा है। उनकी आवाज में बसा भारतीय संस्कृति और लोक संगीत का सार सदैव लोगों के दिलों में गूंजता रहेगा। उनकी अनुपस्थिति संगीत जगत में अपूरणीय क्षति है।”

2. सीएम नीतीश कुमार ने की भावुक श्रद्धांजलि

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “शारदा सिन्हा जी ने बिहार के लोक संगीत को नई पहचान दी। उन्होंने अपनी आवाज से भोजपुर, मैथिली और हिंदी संगीत को देश-विदेश तक पहुंचाया। उनके जाने से बिहार ने अपनी एक अनमोल धरोहर खो दी है।”

3. संगीत जगत में शोक की लहर

संगीत जगत की तमाम हस्तियों ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर, अनुप जलोटा और सोनू निगम समेत कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। शारदा सिन्हा का संगीत हमेशा उनके प्रशंसकों के दिलों में अमर रहेगा।

4. लोक संगीत के क्षेत्र में अमूल्य योगदान

शारदा सिन्हा ने छठ पूजा, होली, और अन्य त्योहारों पर गाए अपने गीतों से लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था। उनकी आवाज में “कहे तोसे सजना”, “पीयरवा से नेहिया लागी”, और “फागुन में रंग” जैसे गीतों ने अनगिनत लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। शारदा सिन्हा के गीत भारतीय लोक संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन गए थे, और उनके जाने से यह क्षेत्र एक बड़े शून्य को महसूस कर रहा है।

5. देशभर में शोक सभाएं और श्रद्धांजलि कार्यक्रम

शारदा सिन्हा की याद में बिहार और अन्य राज्यों में शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। लोक गायकी के इस सुनहरे युग का अंत कई संगीत प्रेमियों के लिए गहरी क्षति है।

शारदा सिन्हा का निधन भारतीय लोक संगीत जगत में एक ऐसी कमी छोड़ गया है, जिसे पूरा कर पाना मुश्किल है। उनकी यादें, उनकी आवाज और उनके गीत सदैव भारतीय संस्कृति के साथ जुड़े रहेंगे।

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