पाकिस्तान के बलूचिस्तान में खदान में काम कर रहे मजदूरों पर ग्रेनेड और रॉकेट से हमला, 20 की मौत
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक भयानक आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें खदान में काम कर रहे 20 मजदूरों की मौत हो गई। रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला रविवार को हुआ, जब अज्ञात हमलावरों ने मजदूरों पर ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर से हमला किया। इस हमले में कई अन्य मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आतंकियों ने अचानक किया हमला
जानकारी के मुताबिक, खदान में काम कर रहे मजदूर अपने दैनिक कामकाज में लगे हुए थे, तभी अचानक अज्ञात बंदूकधारियों ने उन पर हमला कर दिया। पहले ग्रेनेड फेंके गए और उसके बाद रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया। इस हमले से खदान के आसपास भयावह स्थिति पैदा हो गई और मजदूरों को बचने का कोई मौका नहीं मिला। हमलावर तुरंत मौके से फरार हो गए।
बलूचिस्तान में उग्रवादी गतिविधियों का बढ़ता खतरा
बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन-संपन्न क्षेत्र है, लेकिन यहां लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियां और अलगाववादी आंदोलन जारी हैं। इस क्षेत्र में अक्सर खनिज संसाधनों की लूट और सरकार विरोधी हमले होते रहते हैं। बलूच अलगाववादी समूह और अन्य आतंकी संगठन यहां पर सुरक्षा बलों और निर्दोष मजदूरों पर भी हमले करते रहे हैं।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया और जांच शुरू कर दी है। बलूचिस्तान में सक्रिय उग्रवादी समूहों की पहचान के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि यह हमला बलूच उग्रवादियों द्वारा किया गया हो सकता है।
प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की निंदा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सेना प्रमुख ने भी इस घटना को “नृशंस और अमानवीय” करार दिया और कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सरकार और सेना मिलकर काम कर रहे हैं।
बढ़ती उग्रवादी चुनौतियां
बलूचिस्तान में इस प्रकार के हमले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। यहां की खनिज संपदा पर कब्जे को लेकर आतंकवादी समूह और अलगाववादी गुट लगातार हमले करते रहते हैं, जिससे निर्दोष मजदूर और आम नागरिक अक्सर निशाना बनते हैं। यह हमला इस बात का प्रमाण है कि बलूचिस्तान में स्थिरता बहाल करने के प्रयासों के बावजूद, उग्रवाद और आतंकवाद की जड़ें अभी भी मजबूत हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान की सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूचिस्तान में शांति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का प्रचार कर रही है। हालांकि, इस तरह की घटनाओं से पाकिस्तान के सुरक्षा प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
इस हमले के बाद बलूचिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है, लेकिन यह हमला क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।