तेलंगाना सरकार ने अडानी को दिया झटका, 100 करोड़ रुपये का दान लौटाने का फैसला
रिश्वतखोरी के आरोपों के बीच सरकार ने नैतिकता को प्राथमिकता दी
तेलंगाना सरकार ने यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए अडानी समूह द्वारा दिए गए 100 करोड़ रुपये के दान को ठुकराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने अडानी समूह को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि यह दान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरा अडानी समूह
अडानी समूह पर अमेरिका में रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी समूह ने सरकारी ठेके हासिल करने के लिए अनियमित भुगतान किए। इन आरोपों ने न केवल अडानी की वैश्विक छवि को धक्का पहुंचाया है, बल्कि उनके दान और फंडिंग पर भी सवाल खड़े किए हैं।
नैतिकता और पारदर्शिता पर सरकार का जोर
मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए किसी भी विवादास्पद समूह से धन स्वीकार करना राज्य की नीति के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल नैतिक और पारदर्शी स्रोतों से अनुदान प्राप्त करेगी।
यूनिवर्सिटी की योजनाओं पर प्रभाव
अडानी समूह का दान ठुकराने के बाद, यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी की स्थापना में देरी हो सकती है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि सरकार अन्य स्रोतों से धन जुटाने का प्रयास करेगी ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके।
राजनीतिक विवाद और जनता की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है। विपक्ष ने सरकार से पूछा कि पहले दान स्वीकार क्यों किया गया और अब इसे ठुकराने का निर्णय क्यों लिया गया। वहीं, जनता और विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि यह निर्णय सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और नैतिकता को प्राथमिकता देने का संकेत है।
अडानी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार
अडानी समूह ने अब तक तेलंगाना सरकार के इस कदम या रिश्वतखोरी के आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
निष्कर्ष
तेलंगाना सरकार का यह निर्णय सरकारी परियोजनाओं में नैतिकता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस फैसले का यूनिवर्सिटी की स्थापना और अन्य परियोजनाओं पर क्या असर पड़ता है।