ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी था निशाने पर? इजरायली हमले में दो खुफिया ईरानी मिलिट्री बेस तबाह, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले ने ईरान के खुफिया मिलिट्री बेस को निशाना बनाया है, जो कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े होने के संदेह में हैं। यह हमले ईरान के सुरक्षा ढांचे पर एक गंभीर खतरे के रूप में देखे जा रहे हैं और इनसे ईरान के रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।
हमले का विवरण
इजरायली वायुसेना ने एक व्यवस्थित तरीके से दो ईरानी खुफिया मिलिट्री बेस पर हमला किया। इन बेसों में संवेदनशील जानकारी और तकनीकी उपकरण हो सकते थे, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे थे। यह हमले सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से भी प्रमाणित किए गए हैं, जिसमें हमले के बाद बेसों के तबाह होने का स्पष्ट चित्रण किया गया है।
सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाया गया है कि हमले के बाद ईरानी मिलिट्री बेसों में व्यापक तबाही हुई है। इन तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि बेसों में मौजूद उपकरण और अन्य सैन्य सामग्री को गंभीर नुकसान पहुंचा है। यह हमले ईरानी परमाणु कार्यक्रम के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखे जा रहे हैं, और इससे ईरान की सैन्य क्षमताओं पर भी असर पड़ सकता है।
इजरायल की सुरक्षा नीति
इजरायल ने हमेशा से ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने लिए एक गंभीर खतरा माना है। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यदि ईरान का परमाणु कार्यक्रम जारी रहा, तो इससे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ सकती है। इसी कारण से इजरायल ने इस प्रकार के हमलों को अपनी सुरक्षा नीति का एक हिस्सा माना है।
ईरान की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, ईरान ने इजरायल के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि वे अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी आवश्यक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे। ईरानी अधिकारियों ने हमले को एक उकसावे के रूप में वर्णित किया है और इसके गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है।