अडानी केस पर व्हाइट हाउस का बयान: भारत-अमेरिका संबंध नहीं होंगे प्रभावित
सोलर प्रोजेक्ट में रिश्वत के आरोपों पर अमेरिकी प्रशासन की प्रतिक्रिया, मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। अमेरिकी न्यायालय में मामला आने के बाद व्हाइट हाउस ने इस पर बयान दिया है।
क्या है मामला?
अडानी समूह पर आरोप है कि उन्होंने सोलर प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2,250 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इन प्रोजेक्ट्स के लिए फंड अमेरिकी निवेशकों से जुटाया गया था, जिससे यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया:
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह इस मामले की जानकारी रखता है, लेकिन यह भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि दोनों देशों के रिश्ते बहुआयामी और सहयोगपूर्ण हैं।
अडानी समूह का पक्ष:
अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि उनका कामकाज हमेशा कानून के दायरे में रहा है और आरोप बेबुनियाद हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव:
व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई को प्रभावित नहीं करेगा। दोनों देश आर्थिक, तकनीकी और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग जारी रखेंगे।
निष्कर्ष:
अडानी केस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है, लेकिन दोनों देशों के संबंधों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। अब देखना होगा कि मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।