दिल्ली/एनसीआरराजनीति

हाई कोर्ट की AAP सरकार को फटकार: वन स्टॉप सेंटर्स के स्टाफ की सैलरी में देरी पर जताई नाराज़गी

दिल्ली हाई कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर्स के स्टाफ की तनख्वाह में देरी के मामले में दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह कर्मचारियों को समय पर वेतन क्यों नहीं दे पा रही है। वन स्टॉप सेंटर्स के कर्मचारी, जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सहायता के लिए समर्पित हैं, अपनी सैलरी न मिलने के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

1. कोर्ट की तीखी टिप्पणी: “कर्मचारियों के बिना सुविधाएं कैसे चलेंगी?”

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कैसे गंभीर हो सकती है, जबकि वन स्टॉप सेंटर्स के कर्मचारियों की सैलरी तक समय पर नहीं दी जा रही। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों के बिना इन सुविधाओं का सही तरीके से संचालन असंभव है और सरकार को उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

2. AAP सरकार की जवाबदेही पर उठे सवाल

वन स्टॉप सेंटर्स के कर्मचारियों को वेतन में देरी को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलना उनका हक है। यह कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर सीधा प्रभाव डालता है, जिससे उनका मनोबल भी टूटता है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत स्टाफ को समय पर वेतन मिले।

3. महिला और बाल कल्याण कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव

वन स्टॉप सेंटर्स महिलाओं और बच्चों के लिए सहायता केंद्र हैं, जहां उन्हें कानूनी, मानसिक, और सामाजिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इन केंद्रों का उद्देश्य हिंसा पीड़ितों को तुरंत मदद देना है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए, ताकि वे पूरे समर्पण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

4. कर्मचारियों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन

तनख्वाह में देरी के कारण वन स्टॉप सेंटर्स के कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई कर्मचारियों ने इस संबंध में शिकायतें भी दर्ज करवाई हैं और प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन समय पर न मिलने से उनके रोजमर्रा के खर्चों पर असर पड़ रहा है और उनकी परिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना मुश्किल हो गया है।

5. कोर्ट का आदेश: सैलरी जारी करने की समयसीमा तय करें

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह इस मामले को प्राथमिकता पर हल करे और सैलरी जारी करने के लिए उचित समयसीमा तय करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की देरी से सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचता है और इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।

हाई कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली सरकार इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करेगी और कर्मचारियों की सैलरी जल्द से जल्द जारी की जाएगी।

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