दिल्ली प्रदूषण पर AAP और BJP आमने-सामने, CM आतिशी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है, और कई इलाकों में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 500 के करीब पहुंच चुका है। इस स्थिति में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीति तेज हो गई है।
CM आतिशी ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदूषण के मुद्दे पर निष्क्रिय बनी हुई है। उन्होंने कहा:
- “दिल्ली के लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।”
- “पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में पराली जल रही है। केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।”
उन्होंने सवाल किया कि यदि पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं में 80% कमी ला सकती है, तो अन्य राज्य क्यों ऐसा नहीं कर रहे हैं।
BJP का जवाब और मास्क वितरण अभियान
दूसरी ओर, BJP ने दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर फ्री मास्क वितरण अभियान शुरू कर प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाने का संदेश दिया। बीजेपी नेताओं ने AAP सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह प्रदूषण के मुद्दे पर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
SC का सवाल: GRAP लागू करने में देरी क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू करने में देरी क्यों की गई।
- SC ने कहा, “AQI जब 300-400 के बीच था, तब GRAP 3 लागू क्यों नहीं किया गया?”
- कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगर AQI 300 से नीचे जाता है, तब भी GRAP 4 को कम नहीं किया जाएगा, जब तक कि कोर्ट से अनुमति न मिले।
AAP का जवाब: GRAP पर पूरा अमल होगा
CM आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर कहा कि CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) द्वारा तय किए गए GRAP नियमों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
क्या बोले दिल्ली के लोग?
- कई लोगों ने कहा कि प्रदूषण का कारण केवल पराली जलाना नहीं, बल्कि वाहनों और निर्माण कार्यों से उत्पन्न प्रदूषण भी है।
- उन्होंने नेताओं से राजनीति छोड़कर ठोस समाधान निकालने की मांग की।
निष्कर्ष
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण न केवल पर्यावरणीय संकट है, बल्कि राजनीतिक संघर्ष का कारण भी बन गया है। AAP और BJP दोनों ही इसे अपनी-अपनी तरह से उठा रही हैं, लेकिन जनता स्थायी समाधान की मांग कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर क्या कदम उठाती हैं।