दिल्ली/एनसीआरस्वास्थ्य

दिनभर शोर और निकलता जहरीला धुंआ, गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के चलते बीमार हो रहे लोग

दिल्ली के गाजीपुर इलाके में स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, जो कचरे से ऊर्जा उत्पादन करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, अब स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। दिनभर प्लांट से निकलने वाले शोर और जहरीले धुएं के कारण क्षेत्र के लोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

शोर और प्रदूषण की समस्या

गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के आस-पास रहने वाले लोग बताते हैं कि प्लांट से निकलने वाले अत्यधिक शोर और प्रदूषण के कारण उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। इस प्लांट में कचरे से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, लेकिन इसके साथ-साथ यह भारी शोर और हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी कर रहा है, जो आसपास के वातावरण को खराब कर रहे हैं।

स्थानीय निवासी यह शिकायत कर रहे हैं कि पूरे दिन प्लांट से निकलता शोर इतना तेज होता है कि उन्हें घर में भी आराम से बैठने की जगह नहीं मिलती। इसके अलावा, प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं, और कई लोग सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं।

स्वास्थ्य पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव

गाजीपुर में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रदूषण के कारण उन्हें खांसी, सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। स्थानीय अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है जो इन समस्याओं से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से निकलने वाली हानिकारक गैसें, जैसे कि कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड्स और सल्फर डाइऑक्साइड, श्वसन तंत्र पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।

इसके अलावा, लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा और अन्य गंभीर शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। गाजीपुर क्षेत्र में बढ़ते स्वास्थ्य संकट को देखते हुए निवासियों ने प्रशासन से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की अपील की है।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट द्वारा हो रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि वे जल्द ही विशेषज्ञों की टीम भेजेंगे ताकि प्लांट से निकलने वाले धुएं और शोर के स्तर की जांच की जा सके। इसके साथ ही प्लांट संचालकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे पर्यावरणीय मानकों का पालन करें और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोका जाए।

निवासियों की चिंताएं और समाधान की मांग

गाजीपुर के स्थानीय निवासी यह चाहते हैं कि प्रशासन और प्लांट संचालक इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें ताकि उनके जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाया जा सके। वे प्लांट के संचालन को जारी रखने के पक्ष में हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा सबसे अहम है।

इस मामले में यदि शीघ्र कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जाता है, तो यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बन सकता है।

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