केन विलियम्सन ने रचा इतिहास: 9,000 टेस्ट रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के पहले बल्लेबाज
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन ने टेस्ट क्रिकेट में एक और बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। वह अपने देश के पहले बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने 9,000 टेस्ट रन पूरे किए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में विलियम्सन ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
चोट के बाद दमदार वापसी
क्राइस्टचर्च के हेगले ओवल मैदान पर खेले जा रहे मैच में केन विलियम्सन ने चोट से उबरने के बाद शानदार प्रदर्शन किया। पहली पारी में 93 रन बनाने के बाद उन्होंने दूसरी पारी में भी अर्धशतक जड़ा और 61 रनों का योगदान दिया।
अहम साझेदारियां:
- रचिन रविंद्र और डेरिल मिचेल के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं।
- उनकी पारी ने टीम को दूसरी पारी में मजबूती दी, हालांकि इंग्लैंड ने मैच पर पकड़ बनाए रखी।
9,000 रन बनाने वाले सबसे तेज बल्लेबाजों में शामिल
केन विलियम्सन ने अपना 103वां टेस्ट खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की। वह श्रीलंका के कुमार संगकारा और पाकिस्तान के यूनिस खान के साथ संयुक्त रूप से तीसरे सबसे तेज 9,000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
सबसे तेज 9,000 रन बनाने वाले खिलाड़ी:
- स्टीव स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) – 99 टेस्ट
- ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) – 101 टेस्ट
- कुमार संगकारा (श्रीलंका) – 103 टेस्ट
- यूनिस खान (पाकिस्तान) – 103 टेस्ट
- केन विलियम्सन (न्यूजीलैंड) – 103 टेस्ट
न्यूजीलैंड की पारी का हाल
पहली पारी में केन विलियम्सन के 93 रनों की मदद से न्यूजीलैंड ने 348 रन बनाए। इंग्लैंड ने जवाब में हैरी ब्रूक की 171 रनों की धमाकेदार पारी और कप्तान बेन स्टोक्स के 80 रनों की मदद से 499 रन बनाकर 151 रनों की बढ़त ले ली।
दूसरी पारी में न्यूजीलैंड ने दिन के अंत तक 6 विकेट खोकर 155 रन बना लिए। टीम के पास फिलहाल 4 रनों की मामूली बढ़त है।
प्रमुख बल्लेबाजों का प्रदर्शन:
- डेरिल मिचेल: 31* रन (नाबाद)
- रचिन रविंद्र: 24 रन
- डेवोन कॉन्वे: 8 रन
- टॉम लाथम: 1 रन
क्या कहते हैं आंकड़े?
केन विलियम्सन के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने उन्हें विराट कोहली, स्टीव स्मिथ और जो रूट जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए गौरवपूर्ण है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी स्थिरता और उत्कृष्टता को भी दर्शाती है।
निष्कर्ष
केन विलियम्सन का यह रिकॉर्ड उनके समर्पण और खेल के प्रति जुनून का प्रतीक है। चोट से उबरने के बाद उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह क्यों दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उनकी इस उपलब्धि ने क्रिकेट प्रशंसकों को एक बार फिर से प्रेरित किया है।